माँ वैष्णो देवी, अम्बे, शेरावाली के भजन! शक्ति की आराधना करें, मनोकामना पूरी करें। सभी देवी गीत BhaktiRas.in पर।

मेरी रूठ रही कालका मनाऊं कैसे

मेरी रूठ रही कालका मनाऊं कैसे

मेरी रूठ रही कालका मनाऊं कैसे,मंदिर जली रोशनी बुझाओ कैसे,मेरी रूठ रही कालका मनाऊं कैसे…… आसपास या को मंदिर नहीं है,दूर कलकत्ता में जाऊं कैसे,मेरी रूठ रही कालका मनाऊं कैसे,मंदिर जली रोशनी बुझाओ कैसे,मेरी रूठ...

मैं कुल्ली विच भवना दे पौनी

मैं कुल्ली विच भवना दे पौनी

धुन:- तेरे होये सवेरे दर्शन मैं कुल्ली विच भवना दे पौनी,ओ शेरा वाल्डीये माईए,मैं कुल्ली विच कटड़े दे पौनी,ओ शेरा वाल्डीये माईए,ओ कटड़े वाल्डीये माईए,मैं कुल्ली विच भवना दे…… पूजा करा मैं शाम सवेरे,बह के...

चलो कटरा शहर चलिए

चलो कटरा शहर चलिए

चलो कटरा शहर चलिए,ओथे साडी माँ रेहँदी,ओहदे दर्शन नू चलिए…… मेरी माँ बड़ी भोली ए,बोलो जय जय माँ, बोलो जय जय माँ,मेरी माँ बड़ी भोली ए,जेहड़ी सानू प्यार करदी,ओह कोल खंडोली ए,चलो कटरा शहर चलिए……....

मेरी मां का रंग बड़ो प्यारो लगे

मेरी मां का रंग बड़ो प्यारो लगे

यह तो सारे रंग बेकार मेरी मां का रंग बड़ो प्यारो लगे….. काले रंग के भोले शंकर,इनकी जटा में गंगा की धार मेरी मां,कारो रंग बड़ो प्यारो लगे….. काले रंग के रामचंद्र हैं,जिसने बन में...

खोल आडो खोल मारी घाटा री चामुंडा ये

खोल आडो खोल मारी घाटा री चामुंडा ये

खोल आडो खोल मारी, घाटा री चामुंडा ये,आयोडा भगता ने दरसन देवो मारी जोग माया ये,खोल आडो खोल मारी….. घाटा पे बिराजी चामुंडा, ज्योत थारी जागी,ढोल ने ढम काढ़े जाग जाओ मारी जोगमाया ये,खोल आडो...

स्वर स्वामिनी मां

स्वर स्वामिनी मां

स्वर स्वामिनी मां मैं तुमको रिझाऊं,जो तुमको अराधे वही गीत गाऊं,स्वर स्वामिनी मां….. सा से सजा दो, मेरी वन्दना को,रम जाए रे से, वो भाए जहां को,ग गुनगुनाऊं सदा तेरी वाणी,म से मैया तेरा प...

दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के

दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के

जपु आठों मैं पहरिया,कब लोगी माँ खबरिया बालक गरीब के,दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के…… मईया तेरी शान है निराली,तू ही अम्बे, तू ही मईया काली,द्वार से ना कोई खाली जाए,आया जो...

कितना पावन सुंदर मैया वैष्णो तेरा धाम रे

कितना पावन सुंदर मैया वैष्णो तेरा धाम रे

कितना पावन सुंदर मैया,वैष्णो तेरा धाम रे,आऊ दरश को तेरे मैया,जपु मैं तेरा नाम रे…… तेरे दरश की अभिलाषा नित,मन में मेरे होती,कितनी सुंदर गुफा तुम्हारी ,नित जलती जहाँ ज्योति,पिंडी रूप मैं बैठी मैया,करती सबको...

चाहे फिरले ज़माने भर मे

चाहे फिरले ज़माने भर मे

चाहे फिरले ज़माने भर मे,बात तेरी कोई पूछे ना,एक माँ ही जो समझेगी तेरी,बात तेरी कोई पूछे ना,चाहे फिरले ज़माने भर में,बात तेरी कोई पूछे ना,एक माँ ही जो समझेगी तेरी,बात तेरी कोई पूछे ना….....

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ज्येष्ठ पूर्णिमा

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