आज अयोध्या के आये है राम
आज अयोध्या के आये है राम,धूम मची है चारो ही धाम,नाचे रे गाये सब दीप जलाय….. धूम मची है चारो ही धाम….. माता कौशल्या के आँखों के तारे,दसरथ जी के है राज दुलारे,भाई भरत के...
आज अयोध्या के आये है राम,धूम मची है चारो ही धाम,नाचे रे गाये सब दीप जलाय….. धूम मची है चारो ही धाम….. माता कौशल्या के आँखों के तारे,दसरथ जी के है राज दुलारे,भाई भरत के...
( राम की भक्ती राम राम की सेवा,राम भजन में ही रंग जाना,ऐसा सुन्दर नगरी अयोध्या,मन करे नहीं अब घर को जाना ॥ ) राम जी के सुंदर नगरिया,बड़ा नींक लागे मंदिरिया…. अवधपुरी रघुकुल की...
मौसम दीन न दीन हितय, तुम समान रघुवीर।अस विचार रघुवंश मणि, हरहू विसम् भव पीर।। कामहि नारी पियारी जिमी, लोभहि प्रिय जिमि दाम।तुम रघुनाथ निरंत रहो, प्रिय लगहु मोहि राम।। प्रनत पाल रघुवंश मणि, करुणा...
( जिसके दिल में राम बसे, और भक्त राम का सच्चा हो,जय श्री राम वही बोले, जो असल मर्द का बच्चा हो । ) जय जय श्री राम, बोलो बोलो जय जय श्री राम एक...
देरी ना कर पगले, सुमर ले राम नाम भाई,राम नाम भाई सुमर ले राम नाम भाई,राम के सुमरण से अनेको ने मुक्ति पाई,देरी ना कर पगले, सुमर ले राम नाम भाई….. राम नाम की दौलत...
क्या लागे हनुमान,राम तेरा क्या लागे,क्या लागे हनुमान,राम तेरा क्या लागे……. थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा,डाल रे पानी,थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा,डाल रे पानी,ओ मसल मसल नहलावे,राम तेरा क्या लागे,क्या लागे हनुमान,राम तेरा क्या लागे……. पीला पीताम्बर...
क्या सुख पायो रे राम को विसार के,विषयों में फस के चला जीती बाजी हार के…. बचपन की आयु तूने खेल में गवाही रे,आई जवानी प्यारी लागे घर की नारी रे,वक्त बुढ़ापा रोया फिर आहे...
हो जा राम का दीवाना,बंदे न कर टालमल टोल,हो जा राम का दीवाना,बंदे न कर टालमल टोल,ना कर टालम टोल बन्दे,ना कर टालम टोल,हो जा राम का दीवाना,बंदे न कर टालमल टोल………. प्रेम के भूखे...
श्री राम श्री रामश्री राम श्री रामश्री राम राम रामेंति रमें रामें मनोरमें,सहस्त्रनाम त्तुल्यं राम नाम वरानाने….. श्री राम श्री रामश्री राम श्री राम सदियों के बाद लौटे प्रभु राम अयोध्या में,सु स्वागतम है आपका...
रघुकुल गौरव जय श्री राम,निस दिन निस पल तुम्हें प्रणाम,रघुकुल गौरव जय श्री राम,निस दिन निस पल तुम्हें प्रणाम,रघुकुल गौरव जय श्री राम…. दशरथ नंदन जय श्री राम,कौसल्या धन जय जय श्री राम,भरत लखन मन...
प्राण से बढ़कर प्रजा को अपने पलकों पर जो रखता था,पिता की आज्ञा की खातिर जो वन में दर दर भटका था,मर्यादा पुरषोत्तम राम अपना रखवाला है,मर्यादा पुरषोत्तम राम अपना रखवाला है,राज्य अयोध्या सा,राजा प्रभु...
भिलनी नचे ते भंगड़े पावे,अज मेरे राम ने आना है,अज मेरे राम ने आना ऐ,मेरे भगवान ने आना ऐ….. दौडी नदी दे वल जावे,ओथो गंगाजल लैयावे,ओथो गंगाजल लैयावे,राम नू स्नान कराना ऐ….. दौडी जंगल दे...